रविवार, जनवरी 02, 2022

शिक्षा का सही अर्थ तो समझना होगा हमें

दिल्ली अमर उजाला द्वारा प्रकाशित 02/01/2022
शिक्षा का सही अर्थ समझना उतना ही महत्वपूर्ण है , जितना की शिक्षित होना । लेकिन यह तभी संभव है , जब शिक्षा को सिर्फ नौकरी पाने के मकसद से ग्रहण न किया जाए , बल्कि शिक्षा को मैत्री , करुणा , प्रसन्नता और उपेक्षा के भाव को जागृत करने के लिए अर्जित किया जाए । यह भाव व्यक्ति में नैतिक शिक्षा से ही उत्पन्न होता है । नैतिक शिक्षा से ही व्यक्ति को शिक्षा का सही अर्थ पता चलता है । जब व्यक्ति को शिक्षा का सही अर्थ पता चलता है , तभी व्यक्ति में निष्काम की भावना उत्पन्न होती है , तभी व्यक्ति में पर सेवा की भावना जागृत होती है और जब यह भावना जागृत होती है तो समाज के सारे अनाचार और दुराचार स्वयं समाप्त हो जाते हैं । आंतरिक कलह से निजात मिल जाती है , जिससे एक सुखी और संपन्न समाज के निर्माण के साथ प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण होता है । बच्चों से प्यार , नारी जाति का सम्मान और हर किसी के साथ सभ्य व्यवहार करना नैतिक शिक्षा ही सिखाती है । शिक्षा का सही अर्थ समझाने के लिए नैतिक शिक्षा को प्रत्येक कक्षा में अनिवार्य करने की आवश्यकता है , ताकि किशोरावस्था में गलत राह पर जाने वाली युवा पीढ़ी को बचाया जा सके और उनका सही मार्गदर्शन हो सके । जिस तरह से आज के अधिकतर युवा शिक्षा का अर्थ सिर्फ और सिर्फ नौकरी ही समझ बैठे हैं और उन्होंने मान लिया है कि शिक्षा सफल तभी होगी , जब उन्हें नौकरी मिलेगी । यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है । जिस तरह आज के युवा अपनी सफलता की हवस को मिटाने की खातिर और अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए समाज के हितों को दरकिनार कर रहे हैं , यह बहुत ही चिंतनीय है । इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह समझाना आवश्यक है कि शिक्षा में सफलता का अर्थ है व्यक्ति के अंदर करुणा , मैत्री और संवेदना का भाव उत्पन्न होना । अपने हितों के साथ समाज के कल्याण का भी ध्यान रखना , क्योंकि बिना समाज कल्याण के विकासशील देश की कल्पना तक नहीं की जा सकती है ।

29 टिप्‍पणियां:

  1. शिक्षा का सही अर्थ बतलाता सुंदर आलेख, मनीषा। पेपर में लेख प्रकाशित होने पर बहुत बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय दीदी😊 🙏

      हटाएं
  2. बेहतरीन आलेख। नववर्ष मंगलमय हो नववर्ष आपके जीवन में बहुत सारी खुशियाँ लेकर आए । हार्दिक शुभकामनाएं मनीषा जी !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. दिल से धन्यवाद आदरणीय मैम
      आपको भी तथा आपके पूरे परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
      नव वर्ष मंगलमय हो💐

      हटाएं
  3. वाह!प्रिय मनीषा जी सराहनीय आलेख।
    इसके लिए आपको बहुत बहुत सारी बधाई।
    नववर्ष आपके लिए मंगलमय हो बहुत सारी खुशियाँ लेकर आए।
    बहुत बहुत बहुत सारा स्नेह।
    हमेशा खुश रहो।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद प्रिय मैम
      नववर्ष की हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं
      नव वर्ष आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां लेकर आए🙏

      हटाएं
  4. बहुत सुंदर सार्थक और सामयिक चिंतन को दर्शाता शानदार आलेख । तुम्हें मेरी हार्दिक बधाई 💐💐
    तुम्हें सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत-बहुत बधाई 💐💐

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद प्रिय मैम
      आपको भी तथा आपके पूरे परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
      नव वर्ष मंगलमय हो💐

      हटाएं
  5. मेरे लेख को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका तहेदिल से बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह!बेहतरीन सृजन ।

    जवाब देंहटाएं
  7. हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर आलेख
    सचमुच शिक्षा का सही अर्थ समझना होगा

    जवाब देंहटाएं
  9. सच कहा आपने शिक्षा को सही दिशा देने के लिए नैतिक शिक्षा प्रत्येक कक्षा में अनिवार्य करने की आवश्यकता है।

    बहुत अच्छी विचारणीय व चिंतनशील प्रस्तुति
    हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  10. शिक्षा का सही अर्थ समझाने के लिए नैतिक शिक्षा को प्रत्येक कक्षा में अनिवार्य करने की आवश्यकता है , ताकि किशोरावस्था में गलत राह पर जाने वाली युवा पीढ़ी को बचाया जा सके और उनका सही मार्गदर्शन हो सके।
    अक्षर अक्षर पर सहमति मनीषा जी ।
    बहुत चिंतनपरक लेख लिखा है आपने भावी पीढ़ी के लिए शिक्षा का स्वरूप सही होना जरूरी है।
    सिर्फ डीग्रियाँ शिक्षा का मानदंड नहीं हो सकति।
    साधुवाद उपयोगी विषय पर लेखनी चलाते जाइये।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मैम🙏🙏
      मेरी कोशिश हमेशा उपयोगी विषयों पर ही लिखने की रहती है और आगे भी जारी रहेगी

      हटाएं
  11. बहुत सुंदर लेख मनीषा जी..
    सिर्फ degrees को इकठ्ठा करने से कुछ नहीं होगा, सच मे शिक्षा का और शिक्षित होने का मतलब समझना जरूरी है

    जवाब देंहटाएं

नारी सशक्तिकरण के लिए पितृसत्तात्मक समाज का दोहरापन

एक तरफ तो पुरुष समाज महिलाओं के अधिकारों और उनके सम्मान की बात करता है और वहीं दूसरी तरफ उनके रास्ते में खुद ही एक जगह काम करता है। जब समाज ...