सबसे कमजोर व असहाय
शख़्स खुद को महसूस करती हूंँ,
जब रोते बच्चे के आंखों से
आंसू नहीं ले पाती हूंँ!
मैं उस वक्त सबसे
असहाय व लाचार होती हूंँ,
जब मन विचलित हो जाता है
पीड़ित लोगों के कष्ट देख
लेकिन कष्ट हर नहीं पाती हूंँ!
मेरी स्थिति उस वक्त
सबसे दयनीय होती है,
जब गलत का विरोध
ना कर पाने के कारण
खुद से लड़ रही होती हूंँ!
मैं खुद को उस वक्त
बंदी महसूस करती हूंँ,
जब रिश्तो के बंधन में
बंधने के कारण
अपने विचार भी नहीं रख पाती हूंँ!
मैं उस वक़्त खुद को
अपराधी महसूस करती हूंँ,
जब अन्याय सह रहे लोगों के
खातिर आवाज नहीं उठा पाती हूँ!
मैं उस वक्त
उस मोरनी की भांति होती हूंँ,
जिसके पर तो बहुत आकर्षक होते हैं
पर उड़ नहीं सकती है!
जब वृद्ध पिता को अपनी औलादों की
हीनता भरी निगाहों का
सामना करते देखती हूंँ!
पर अंदर ही अंदर
फड़फड़ा कर रह जाती हूँ!
मैं उस वक्त दुनिया की
सबसे गरीब शख्स होती हूंँ,
जब रंग-बिरंगे कपड़ों को
लालच भरी निगाहों से
निहार रहे बच्चे को देख
एक आंह मात्र भर कर रह जाती हूंँ!
पर कुछ नहीं कर पाती हूंँ!
मैं उस वक्त संसार की
सबसे लाचार व स्वार्थी
शख़्स होती हूंँ ,
जब अपने निजी स्वार्थ के चलते
लोगों के कष्ट देख
सिर्फ आंह भर के रह जाती हूंँ!
पर कुछ नहीं कर पाती हूंँ!
मनीषा, यह कविता पढ़ कर ऐसा लगा जैसे शब्द तो तुम्हारे है लेकिन ये आवाज मेरे दिल की है। शायद सिर्फ मेरी नही तो हर का इंसान की यही आवाज है जो कुछ अच्छा करना चाहता है। बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंआप बिल्कुल सही कह रही हैं दी!
हटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद🙏
अद्भुत, संवेदनीय व्यथा। गहरा मर्मभरा।
जवाब देंहटाएंतहेदिल से शुक्रिया 🙏
हटाएंदिल में कहीं गहरे तक उतर गई यह बात।
जवाब देंहटाएंआपका तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार🙏
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (06-10-2021) को चर्चा मंच "पितृपक्ष में कीजिए, वन्दन-पूजा-जाप" (चर्चा अंक-4209) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी रचना को चर्चामंच में जगह देने के लिए आपका सहृदय धन्यवाद आदरणीय सर🙏
हटाएंमेरी रचना को 5 लिंकों में जगह देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद🙏
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर🙏
हटाएंरचनाकार जरूर आप हैं किन्तु मुझ जैसे अनगिनत लागों को यह रचना अपने मन की बात लगेगी। बहुत-ुसुन्दर।
जवाब देंहटाएंहमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका सहयोग दें धन्यवाद आदरणीय सर
हटाएंउम्दा लेखन जो प्रत्येक दिल की धङकन में रहता है।इतनी सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार
हटाएंगहनतम लेखन...। सच और खरी ...। खूब बधाई
जवाब देंहटाएंआपका सहृदय धन्यवाद आदरणीय सर
हटाएंमर्मस्पर्शी ... मन की बेबसी , बेचैनी को व्यक्त करती सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबधाई।
धन्यवाद आदरणीय मैम
हटाएंतुम इतनी वेचैन क्यों हो कमजोर नहीं असहाय नहीं हो तुम ,
जवाब देंहटाएंसमाज को आईना दिखाती इन्द्रा कल्पना साइना संधु आज कि नारी हो तुम ।
जग जननी ! जग को चरम तक पहुंचाने वाली दुर्गा काली हो तुम,
हर आवाज पर स्वतंत्र आवाज तुम्हारी सच में बहुत भारी हो तुम ।
बहुत सुन्दर रचना !
सर आपकी हौसला बढ़ाने वाली प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया का आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है!🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हटाएंमैं आपकी प्रतिक्रिया से मिली खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती!😊😊🤗🤗
हटाएंये सिर्फ तुम्हारी आवाज़ नहीं है हर उस संवेदनशील इंसान की आवाज़ है जो कमज़ोर, असहाय को देख तड़पता है। अन्याय को देखकर भी चुप होने को मजबूर है। ऐसा नहीं है कि वो कमजोर और कायर है बस उसके हाथ किसी न किसी बेड़ी में जकड़े है। फिर भी यदि हम लेखन के जरिये ही कुछ कर सकें, सोई आत्माओं को जगा सकें वो भी बहुत बड़ा कर्म है। सराहनीय सृजन ,ढेर सारा स्नेह तुम्हें
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतिक्रिया बहुत मायने रखती है मेरे लिए, आपका स्नेह और प्यार हमेशा मुझे प्रेरित करता है लिखने के लिए!
हटाएंआपका तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏
अबला नहीं देवी हो ,सबला हो ,तदानुभूति करती औरों की पीड़ा की सहभोक्ता बनती हो और हाँ लिखना बीमारी नहीं दवा है हर इलाज़ और घुटन की। फैले फले आपका लेखन। आशीष।
जवाब देंहटाएंवीरुभाई
हमारे ब्लॉग पर आकर इतनी अच्छी प्रतिक्रिया देने के लिए आपका
हटाएंदिल की गहराइयों से बहुत बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
उम्दा सृजन शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद🙏
हटाएंअद्भुत और सुंदर आदरणीय । बहुत बधाइयाँ ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीय सर🙏
हटाएंबहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय मैम🙏🙏
हटाएंहर कोमल हृदय की संवेदनाओं को स्वर देती आपकी अभिव्यक्ति सार्थक और हृदय स्पर्शी है।
जवाब देंहटाएंएहसासों को शब्द देती सुंदर भावाभिव्यक्ति।
सस्नेह।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
हटाएंबहुत जल्द बहुत बढ़िया लिखना शुरु कर दिया है। प्रभावशाली अभिव्यक्ति के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंमेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏
हटाएंमन की बेचैनी को व्यक्त करती सुन्दर रचना....बधाई।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीय सर🙏
जवाब देंहटाएं