तस्वीर गूगल से |
जब काले-काले मेघ आते हैं,
कृषक के मन में उम्मीदों का दिया जलाते है ।
जब रंग - बिरंगी फसलों पर,
काली घटा छा जाती है।
फिर रंग - बिरंगे दानों में,
मोती सी चमक आ जाती है
कच्ची माटी के गाँव में,
जब काले- काले मेघ आते है।
सूरज की आग से झुलस चुके
चरागाहों को फिर से हरा भरा कर जाते है
गीली माटी का ठण्डा पन ,
हवा के झोंको में भर जाते हैं
कच्ची माटी के गाँव में जब
निखरे - निखरे मौसम -आते हैं
गीली माटी की सोंधी खुशबू से
घर आँगन महका जाते हैं!
मीठी हरियाली की खुशबू,
मंद हवाओ संग सुनहरी किरणों के साथ
हर दरवाजे़ पर दस्तक दे जाती है ।
सुबह ओस से गीले खेतों को,
सुनहरी किरणें जब स्पर्श करती है ,
किसानो के लबों पे ,
मोती सी मुस्कान बिखेर जाती है ।
कच्ची माटी के गाँव में ,
काले मेघ अपने संग खुशियाँ लाते हैं!
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद मैम🙏
हटाएंसुन्दर सृजन - - प्रकृति के विविध रंगों को सुंदरता से उकेरा है, शुभकामनाओं सह।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद सर इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए🙏
हटाएंकाले मेघ सबको हर्षाते हैं
जवाब देंहटाएंगाँव में ही नहीं
जब शहर में भी छा जाते हैं ।
बहुत सूक्ष्म अवलोकन कर लिखी रचना । किसानों की खुशी का वर्णन और मिट्टी की सुगंध को महसूस करना । सुंदर सृजन
बहुत बहुत धन्यवाद और आभार🙏🙏
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (20-7-21) को "प्राकृतिक सुषमा"(चर्चा अंक- 4131) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
--
कामिनी सिन्हा
आपका तहेदिल से धन्यवाद मेरी रचना को चर्चा मंच के काबिल समझने के लिए🙏🙏
हटाएंकृषक मन को खुशबूदार करने वाली कविता
जवाब देंहटाएंहृदय तल से धन्यवाद सर🙏
हटाएंपावस का सुंदर चित्रण
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर, हमारे ब्लॉग पर आकर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए आपको तहेदिल से धन्यवाद 🙏
हटाएंबेहद खूबसूरत रचना,ऋतु की शोभा आपकी लेखनी से द्विगुणित हो गयी।
जवाब देंहटाएंसस्नेह।
सहृदय धन्यवाद मैम 🙏
हटाएंकिसान और बरखा का सुंदर तारतम्य दिखाती बेहतरीन रचना ,बहुत शुभकामनाएं प्रिय मनीषा।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मैम 🙏
हटाएंVery beautiful poem.✨✨
जवाब देंहटाएंThank you🙏😇😇😇
हटाएंसुंदर चित्रण।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर 🙏
हटाएंबहुत सुंदर! बादलों का गाँव और कृषकों से प्यारा सा संबंध दर्शाता सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
हटाएंबहुत ही सुंदर प्यारी-सी रचना सच कहा बादलों को देख मन हर्षता है।
जवाब देंहटाएंसादर
आपका तहेदिल से शुक्रिया मैम 🙏🙏🙏
हटाएंआभार और धन्यवाद मैम🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंसोंधी सुगन्ध, हरसाये मन...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना।
धन्यवाद सर🙏🙏🙏
हटाएंवाह, बहुत ही सुन्दर सृजन।🌻🌼♥️
जवाब देंहटाएं🌧️🌧️🌨️🌨️⛈️🌾🌱🌿🏞️।
धन्यवाद सर🙏🙏
हटाएंमीठी हरियाली सी अभिव्यक्ति!!
जवाब देंहटाएंआभार आपका 🙏🙏🙏
हटाएंबहुत ही प्यारी सी रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर🙏
हटाएं🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया शब्द चित्र प्रिय मनीषा | गाँव में बारिश का अपना ही आनंद होता है | कच्ची मिटटी से उठती सौंधी खुशबू के क्या कहने !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीय मैम🙏🙏🙏
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर मधुर रचना |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीय🙏🙏🙏
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