tag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post3952115088496905251..comments2024-01-20T12:02:50.081+06:00Comments on स्वतंत्र आवाज़: खेलने का फैसला करने से लेकर खेल के मैदान तक सफर Manisha Goswamihttp://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-33679088727933411282023-02-11T15:27:56.662+06:002023-02-11T15:27:56.662+06:00हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर🙏...हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-9625041647662696952023-01-31T19:45:56.262+06:002023-01-31T19:45:56.262+06:00हर लफ़्ज़ सच्चाई में डूबा है. सलाम हमारी इन बेटियो...हर लफ़्ज़ सच्चाई में डूबा है. सलाम हमारी इन बेटियों की हिम्मत को भी और आपकी बेखौफ़ क़लम को भी.जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-69294196411786688392023-01-24T22:29:57.636+06:002023-01-24T22:29:57.636+06:00ये दुर्भाग्य ही है देश का मैम कि अधिकतर लोग ऐसे ...ये दुर्भाग्य ही है देश का मैम कि अधिकतर लोग ऐसे गंभीर मुद्दे को लीपापोती करने में ही लगें हैं, और आपको भी कुछ हद तक तो सच्चाई पता ही होगी कि जिन पर आरोप लगा है वो किस हद तक सही है! <br />मनोबल बढ़ाती हुई प्रतिक्रिया देने के लिए आपका तहेदिल से बहुत बहुत आभार प्रिय मैम🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-9792198005903549852023-01-24T08:35:54.716+06:002023-01-24T08:35:54.716+06:00जी आपने बिल्कुल सही कहा !कहने को तो सब साथ होते है...जी आपने बिल्कुल सही कहा !कहने को तो सब साथ होते हैं पर महिलाओं के दर्द को समझ पाना बहुत ही मुश्किल होता है और जो बोलते है कि पहले क्यों नहीं आवाज उठाई वे एक बार भी नहीं सोचते कि देर आए दुरुस्त आए!<br />बेहतरीन प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया 🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-41061076723091225032023-01-24T08:35:30.445+06:002023-01-24T08:35:30.445+06:00 जिस सच्चाई को आंखों से देखा गया हो उसे लिखने में ... जिस सच्चाई को आंखों से देखा गया हो उसे लिखने में कलम की स्याही कम नहीं पड़ती अपितु कलम में स्याही के रूप में रक्त उतर आता! डर ,आक्रोश में तब्दील हो जाता है! पर बहुत दु:ख होता है जब लोग ऐसी चीजों का विरोध करना तो दूर की बात इस पर अपनी राय देना भी जरूरी नहीं समझते और जो आवाज उठा रहा होता है उसका सर्मथन करने के बजाय विरोध करते हैं! आप सभी का सर्मथन ही है जो मुझे किसी भी मुद्दे पर बेझिझक लिखने में एक बार भी सोचना नहीं पड़ता और ना हि डर लगता!<br />आपका दिल की गहराइयों से बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-15182508098443326542023-01-24T00:30:17.926+06:002023-01-24T00:30:17.926+06:00इस गंभीर मुद्दे पर इतना सटीक और बेबाक लेखन.. बहुत ...इस गंभीर मुद्दे पर इतना सटीक और बेबाक लेखन.. बहुत अच्छा लगा पढ़कर तुम्हारे साहस भरे आलेख को। मैं जो सोच रही थी वो तुम्हारी लेखनी लिख गई, इस मुद्दे के उछलने के बाद से ही कई लोगों से मैंने भी जानने की कोशिश की और जानकर बड़ा दुख हुआ कि लोग इतने गंभीर मुद्दे पर भी लीपापोती करने पे तुले हुए हैं, राजनीति एक लड़की या स्त्री के चरित्र से ऊपर की बात हो गई है, स्त्री उत्थान तो बस दिखावा है, और अगर है कहीं तो बस एक प्रतिशत। बाकी तो स्त्रियों से ज्यादा बेहतर कौन समझ सकता है सशक्तिकरण ।<br /> एक बार फिर तुम्हारे लिए शुभकामनाएं प्रिय मनीषा।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-41631204646049209682023-01-23T21:40:39.202+06:002023-01-23T21:40:39.202+06:00बहुत ही ज्वलंत मुद्दा है। हमें अपने कार्य स्थल पर ...बहुत ही ज्वलंत मुद्दा है। हमें अपने कार्य स्थल पर इस तरह की जाने कितनी समस्याओं से जूझना पड़ता है। यह समस्या किसी एक जगह की नहीं है, कदाचित कुछ जगहों पर ज्यादा है। यही वजह है कि महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। कहने को तो आजकल महिलाएं पुरुषों से कदम मिला के चल रहीं हैं पर उनके दर्द को समझ पाना, जो इस प्रताड़ना से गुजर रही हैं कठिन है।<br /><br />विचारणीय लेखRupa Singhhttps://www.blogger.com/profile/01854409611932530170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-75364830843591320942023-01-23T21:39:59.913+06:002023-01-23T21:39:59.913+06:00जी सर,कभी स्याही कभी नहीं सूखने दुंगी मेरी कलम ह...जी सर,कभी स्याही कभी नहीं सूखने दुंगी मेरी कलम ही है मेरी पहचान, मेरा सम्मान मेरा सब कुछ! <br />मनोबल बढ़ाती हुई प्रतिक्रिया के लिए आपका तहेदिल से धन्यवाद🙏💕Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-510709025060540592023-01-23T21:37:02.249+06:002023-01-23T21:37:02.249+06:00आपने बिल्कुल सही कहा मैम अगर सभी लोग आवाज उठाने लग...आपने बिल्कुल सही कहा मैम अगर सभी लोग आवाज उठाने लगे तो इन जैसे हवस के पुजारी का जन्म ही न हो इस समाज में! <br />तहेदिल से बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-49551686962993035752023-01-23T21:34:43.896+06:002023-01-23T21:34:43.896+06:00धन्यवाद प्रिय मैम🙏धन्यवाद प्रिय मैम🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-66455208105000498352023-01-23T19:42:21.551+06:002023-01-23T19:42:21.551+06:00क्या गज़्ज़ब की लेखनी है आपकी खुरच-खुरच कर सच को बाह...क्या गज़्ज़ब की लेखनी है आपकी खुरच-खुरच कर सच को बाहर निकालना आसान नहीं है । ओजपूर्ण लेख जिसे पढ़कर रक्त में उबाल आ जाये। जिस विषय पर आपने लिखा है उसकी गहराई में छुपी घुटन,दर्द और प्रताड़ना का लोग सिर्फ़ अंदाज़ ही लगा सकते है पर जो भुग्तभोगी हैं उनकी मनोदशा शायद ही समझ सकते हैं।<br />लेखनी की धार टा पैनापन सदा बना रहे।<br />स्नेहाशीष।<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-11921979742289350422023-01-23T18:34:17.122+06:002023-01-23T18:34:17.122+06:00इतने सार्थक, सामयिक, समीचीन, सटीक, अपेक्षित और अपर...इतने सार्थक, सामयिक, समीचीन, सटीक, अपेक्षित और अपरिहार्य सारगर्भित लेख के लिए हृदय से आभार!!! लेखनी यूँ ही चलती रहे और स्याही कभी सूखे नहीं!!! बधाई!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-42212168287641981982023-01-23T18:08:59.515+06:002023-01-23T18:08:59.515+06:00कड़वे सच को उजागर करता विचारोत्तेजक लेख। यदि सोशल म...कड़वे सच को उजागर करता विचारोत्तेजक लेख। यदि सोशल मीडिया पर हर कोई इन महाशय की क्ठोर आलोचना करते हुए अपनी खिलाड़ी बेटियों की सुरक्षा की गारंटी की माँग उठाए तो कुछ हो सकता है। मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका होती है। परंतु सोचकर ही मन डरता है यह कि खेल, , फिल्म, शिक्षा, पुलिस आदि सभी विभागों में लड़कियाँ कितना सहती होंगी बढ़ने के लिए.... आवाज उठानेवालों की संख्या बहुत कम है आज भी।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-27303757838713572722023-01-23T16:06:04.423+06:002023-01-23T16:06:04.423+06:00बहुत सटीक समसामयिक लेख ।बहुत सटीक समसामयिक लेख ।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-4760090751961460302023-01-23T13:37:34.304+06:002023-01-23T13:37:34.304+06:00त्रुटियों से अवगत कराने के लिए धन्यवाद🙏💕त्रुटियों से अवगत कराने के लिए धन्यवाद🙏💕Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-3001072980304289562023-01-22T16:36:45.259+06:002023-01-22T16:36:45.259+06:00इस लेख का ऊपर का हिस्सा शायद दो बार पोस्ट हो गया ह...इस लेख का ऊपर का हिस्सा शायद दो बार पोस्ट हो गया है ...... कृपया जाँच लें . <br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-72681884159440741642023-01-21T11:54:13.247+06:002023-01-21T11:54:13.247+06:00🙏🙏🙏🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-78077528453344246242023-01-21T11:53:57.910+06:002023-01-21T11:53:57.910+06:00🙏🙏🙏🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-54867225844940663692023-01-20T21:50:51.617+06:002023-01-20T21:50:51.617+06:00मनीषा, क्षेत्र चाहे जो भी हो हर जगह महिलाए असुरक्ष...मनीषा, क्षेत्र चाहे जो भी हो हर जगह महिलाए असुरक्षित ही है। हर जगह महिलाओं को अपने अधिकार की लड़ाई लड़नी ही है। ऐसी घटनाएं सच मे प्रतिभावान महिलाओनके सपने तोड़ देती है। विचारणीय आलेख।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-26662482277570412762023-01-20T18:17:08.191+06:002023-01-20T18:17:08.191+06:00आज का कडवा सच... बहुत सटीक रचना आज का कडवा सच... बहुत सटीक रचना हरीश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/04868366103134574911noreply@blogger.com