tag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post3669409702264473541..comments2024-01-20T12:02:50.081+06:00Comments on स्वतंत्र आवाज़: हवाओं के संग उड़ती थी तितली बनManisha Goswamihttp://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comBlogger44125tag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-4816563771856464622022-02-27T06:58:36.561+06:002022-02-27T06:58:36.561+06:00बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-17020550567579230182022-02-26T22:49:59.867+06:002022-02-26T22:49:59.867+06:00बहुत ही कोमल भाव शब्द बन बिखरे हैं।
बहुत सुंदर।
सा...बहुत ही कोमल भाव शब्द बन बिखरे हैं।<br />बहुत सुंदर।<br />सादर स्नेह अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-68449507322969876662022-02-12T12:35:57.534+06:002022-02-12T12:35:57.534+06:00हमारे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है सर! 💐
प्रति...हमारे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है सर! 💐<br />प्रतिक्रिया के लिए सहृदय धन्यवाद आदरणीय सर🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-3023175211349657912022-02-12T12:32:42.849+06:002022-02-12T12:32:42.849+06:00सहृदय धन्यवाद आदरणीय मैम🙏सहृदय धन्यवाद आदरणीय मैम🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-52861010815912802322022-02-12T12:30:27.781+06:002022-02-12T12:30:27.781+06:00बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर🙏बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-50336147483112227712022-02-12T11:52:53.713+06:002022-02-12T11:52:53.713+06:00बहुत ही सुंदर रचनाबहुत ही सुंदर रचनाShankar nathhttps://www.blogger.com/profile/16565118198828598122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-57137547075260620902022-02-11T21:40:49.877+06:002022-02-11T21:40:49.877+06:00बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय🙏बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-54750452693112223812022-02-11T16:46:37.794+06:002022-02-11T16:46:37.794+06:00बहुत सुंदर रचना, दिल को छू गई पंक्तियों
बहुत सुंदर रचना, दिल को छू गई पंक्तियों <br /><br />Sarita sailhttps://www.blogger.com/profile/03360494024921201942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-88701338745852330672022-02-11T14:55:52.070+06:002022-02-11T14:55:52.070+06:00बेड़ियाँ हमेशा उन्कुक्त उड़ान को रोकती हैं ...
काश ...बेड़ियाँ हमेशा उन्कुक्त उड़ान को रोकती हैं ... <br />काश ये समाज की बेड़ियाँ होती ही नहीं ... आज़ाद पंछी से हर कोई उड़ सकता ...<br />बहुत गहरी भावपूर्ण रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-12069552709870310692022-02-10T23:26:33.777+06:002022-02-10T23:26:33.777+06:00अंजुरी भर धूप के संग,
खेल, खेल रही जिंदगी
आज उसक...अंजुरी भर धूप के संग, <br />खेल, खेल रही जिंदगी <br />आज उसके संग|<br />अभिव्यक्ति पर है <br />अब उसके सीमा के बंधन, <br />बहुत सुन्दर और हृदयस्पर्शी सृजन । बहुत अच्छा लिखती हैं आप । सस्नेह...,Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-13943699146966570952021-12-20T20:18:57.941+06:002021-12-20T20:18:57.941+06:00वाह! सर बहुत ही गहरे भाव व्यक्त करती बेहतरीन पंक्त...वाह! सर बहुत ही गहरे भाव व्यक्त करती बेहतरीन पंक्तियाँ! <br />मेरी रचना का मर्म समझने के लिए आपका तहेदिल धन्यवाद🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-41189145547677637402021-12-20T18:39:03.341+06:002021-12-20T18:39:03.341+06:00अपनी हाय किसे सुनायें
न वन रहा न वनपारा ,
सुख गई ...अपनी हाय किसे सुनायें<br />न वन रहा न वनपारा , <br />सुख गई नदियां <br />न जल रहा न जलधारा ।<br /><br />सिमट गई फुलबगिया तितली कि <br />घर घरोंदो मर्यादों में ,<br />उलझ कर रह गया जीवन उसका<br />रिश्तों के रंगीन धागों में ।<br /><br />मशलन तितलीयां फुलबगियां में नहीं अब चादरों कि कशिदों में मिलते हैं।<br /><br />बहुत अच्छा लिखा है आपने | <br />पांव कि जंजीर ,अधुरी पड़ी तस्वीर<br />बता रही कि अधुरी है अभी <br />खिंची तुम्हारी ख्वावो कि लकिर ।<br />आतिश https://www.blogger.com/profile/17276814819792750741noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-56318620832784595802021-12-20T10:06:13.669+06:002021-12-20T10:06:13.669+06:00इतनी बेहतरीन और स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आपका तह...इतनी बेहतरीन और स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आपका तहेदिल से बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मैम 🙏<br />आप सब हमारे मार्गदर्शक हो आप सभी की प्रतिक्रिया बहुत मायने रखती है और मेरी लेखनी को बेहतरीन बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है! 🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-74636278397865889312021-12-20T10:03:43.917+06:002021-12-20T10:03:43.917+06:00 सहृदय बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर🙏🙏 सहृदय बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-40784798607956967632021-12-19T23:14:41.130+06:002021-12-19T23:14:41.130+06:00बहुत ही मर्मान्तक रचना प्रिय मनीषा। एक आम लड़की के...बहुत ही मर्मान्तक रचना प्रिय मनीषा। एक आम लड़की के मधुर बचपन में ढेरों प्यार और दुलार के बाद युवावस्था की आहट होते ही मर्यादाओं के रूप में बंधन और पहरे मन को वेदना से विगलित कर देते हैं। पर जीवन में आशा निष्फल नहीं रहती। पर कभी-कभी कोई अनचिन्हा चित्रकार बेजान और रूखे कैनवस पर अत्यन्त सजीले रंग भरकर उसे सदा के लिए एक अमर गरिमा प्रदान कर देता है। बहुत भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।<br />रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-35337811054324253662021-12-19T11:33:47.476+06:002021-12-19T11:33:47.476+06:00बहुत सुंदर रचना, दिल को छू लेने वाली पंक्तियों से ...बहुत सुंदर रचना, दिल को छू लेने वाली पंक्तियों से सुसज्जित हरीश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/04868366103134574911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-41831556527852659502021-12-18T22:10:21.564+06:002021-12-18T22:10:21.564+06:00धन्यवाद प्रिय दीदी 🙏🙏
उम्मीद करतीं हूँ कि अब आपक...धन्यवाद प्रिय दीदी 🙏🙏<br />उम्मीद करतीं हूँ कि अब आपका स्वस्थ्य पहले से बेहतर होगा और आप पहले से अच्छा महसूस कर रहीं होगीं! Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-64588940352200748272021-12-18T21:58:06.018+06:002021-12-18T21:58:06.018+06:00मनिषा, बढ़ती उम्र के साथ लगनेवाले बंधनों को बहुत ही...मनिषा, बढ़ती उम्र के साथ लगनेवाले बंधनों को बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त किया है तुमने।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-28434982748662814112021-12-18T21:18:49.833+06:002021-12-18T21:18:49.833+06:00इतने दिनों बाद आपको ब्लॉग पर देख कर बहुत खुशी हुई�...इतने दिनों बाद आपको ब्लॉग पर देख कर बहुत खुशी हुई😊<br />कविता के मर्म को समझने के लिए आपका तहेदिल धन्यवाद आदरणीय🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-62853018136634168072021-12-18T20:21:25.823+06:002021-12-18T20:21:25.823+06:00जी सर..!
आपका तहेदिल से बहुत बहुत धन्यवाद🙏
जी सर..! <br />आपका तहेदिल से बहुत बहुत धन्यवाद🙏<br />Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-74729570624692514722021-12-18T20:19:27.480+06:002021-12-18T20:19:27.480+06:00धन्यवाद आदरणीय🙏धन्यवाद आदरणीय🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-1464845061586818322021-12-18T20:18:14.948+06:002021-12-18T20:18:14.948+06:00Thanks🙏Thanks🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-14808720795453004972021-12-18T16:44:16.994+06:002021-12-18T16:44:16.994+06:00दिल को छू लेने वाली पंक्तियाँ.... जिस तरह उम्र बढ़न...दिल को छू लेने वाली पंक्तियाँ.... जिस तरह उम्र बढ़ने के साथ कभी चाहे अनचाहे बंधन आपको बांधने लगते हैं उससे एक तरह की उत्कंठा मन में जागृत हो जाती है। उस उत्कंठा को आपने बाखूबी बयान किया है। विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-20758404967251387292021-12-18T12:43:17.666+06:002021-12-18T12:43:17.666+06:00आशा भरी नज़र तो हमेशा जरूरी है ... किसी भी काल की छ...आशा भरी नज़र तो हमेशा जरूरी है ... किसी भी काल की छाया देर तक नहीं रहती ...<br />जीवन में सकारात्मकता रहना जरूरी है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-12958834108200283682021-12-18T12:25:55.567+06:002021-12-18T12:25:55.567+06:00बेहतरीन रचना।बेहतरीन रचना।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.com