tag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post1396728773206120843..comments2024-01-20T12:02:50.081+06:00Comments on स्वतंत्र आवाज़: क्यों नन्ही सी कली खिलने से पहले ही तोड़ दी जाती है? Manisha Goswamihttp://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-52447491464580160592021-11-25T08:25:47.546+06:002021-11-25T08:25:47.546+06:00इतने दिनों बाद आज आपकी प्रतिक्रिया देख कर बहुत ही ...इतने दिनों बाद आज आपकी प्रतिक्रिया देख कर बहुत ही खुशी मिली!😊😊 <br />धन्यवाद मैम 🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-74369724103140188342021-11-25T08:09:16.719+06:002021-11-25T08:09:16.719+06:00🙏🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-27678860612694626152021-11-24T23:28:46.216+06:002021-11-24T23:28:46.216+06:00प्रिय मनीषा, हर लड़की इन प्रश्नों के साथ जीती हुई ...प्रिय मनीषा, हर लड़की इन प्रश्नों के साथ जीती हुई जीवन जीती है। शायद हमसे पहली पीढ़ियों ने जीवन का संत्रास कहीं कहीं अधिक भोगा है पर आज शिक्षा के उजाले में लड़कियों ने अपने आप को खूब साबित किया है। धीरे धीरे स्थिति बदल रही है और भविष्य में भी और बेहतर होने की आशा है। पर कहीं न कहीं इन प्रश्नों का अस्तित्व समाप्त नहीं होगा कदाचित।रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-53563816922368655702021-11-24T12:01:04.766+06:002021-11-24T12:01:04.766+06:00यह कोई आभार नहीं हक्क्ति हैं ।यह कोई आभार नहीं हक्क्ति हैं ।आतिश https://www.blogger.com/profile/17276814819792750741noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-74351836976171567792021-11-24T10:59:56.259+06:002021-11-24T10:59:56.259+06:00गहनता लिए चिंतनपरक सृजन ।गहनता लिए चिंतनपरक सृजन ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-23211792685115901212021-11-24T10:04:30.585+06:002021-11-24T10:04:30.585+06:00आपकी इस प्रतिक्रिया से मुझे इतनी हिम्मत मिली है यह...आपकी इस प्रतिक्रिया से मुझे इतनी हिम्मत मिली है यह मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती!आपका आभार व्यक्त करने के लिए धन्यवाद शब्द तो बहुत ही छोटा है! आपका दिल की गहराइयों से असंख्य धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-40206884531591883762021-11-24T09:43:42.099+06:002021-11-24T09:43:42.099+06:00 मैंने कहा था एक स्वतंत्र आवाज तुम्हारी हर आवाज पर... मैंने कहा था एक स्वतंत्र आवाज तुम्हारी हर आवाज पर भारी हैं <br />फिर क्यों ये लाचारी है । भुत को हम बदल नहीं सकते और भविष्य पर अपना वश नहीं । सो सम्पूर्ण वर्तमान में जीने की अब बारी हैं।<br />कुछ तुम बदलों कुछ हम कोशिश करते है कुछ छोड़ देते है समाज इस दुनिया पर जो वर्षों से थी आज भी बेचारी है।<br /><br />और हाँ डायरी को इतने हल्के में मत लो -<br />डायरी जिसमें एक पुरा जीवन समा जाता है ।<br />डायरी जो तन्हाई में दोस्त बन आता है।<br />डायरी जो हमारी खुशियों से उफनता नहीं और <br />पीड़ा में साथ छोड़कर जाता नही।<br />डायरी जो मन कि व्यथा को बिना सवाल किय सुनता है<br />कभी कभी मुश्किल भरे सुवालों का हल बनकर उभरता हैं।<br /><br /><br /><br />Aatishhttps://www.blogger.com/profile/18349541209831544265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-26795758314886434362021-11-22T06:53:15.231+06:002021-11-22T06:53:15.231+06:00🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-15417551438521587852021-11-22T06:52:57.163+06:002021-11-22T06:52:57.163+06:00🙏🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-2410229287221108512021-11-21T15:53:51.433+06:002021-11-21T15:53:51.433+06:00अंतर हृदय से प्रस्फुटित कुछ विषम प्रश्न सदियों से ...अंतर हृदय से प्रस्फुटित कुछ विषम प्रश्न सदियों से चले आ रहे हैं, शायद इन्हीं वर्जनाओं में कहीं अराजकता से बचें रहने का गहन भेद हो।<br />गहन प्रश्न।<br />अभिनव सृजन।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-84840619231533114202021-11-21T11:05:17.219+06:002021-11-21T11:05:17.219+06:00सारगर्भित समकालीन रचना सारगर्भित समकालीन रचना MANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13231334683622272666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-21491381239704485702021-11-21T09:44:15.821+06:002021-11-21T09:44:15.821+06:00मेरी रचना को चर्चमन में शामिल करने के लिए आपका तहे...मेरी रचना को चर्चमन में शामिल करने के लिए आपका तहेदिल से बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय मैम🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-75162285295243795162021-11-21T09:43:07.660+06:002021-11-21T09:43:07.660+06:00हां मैं हमें हर जगह प्रूफ करना होता है पहला मौका ह...हां मैं हमें हर जगह प्रूफ करना होता है पहला मौका हमारे लिए आखिरी मौका होता है! <br />पता नहीं कब सुधार आएगा! <br />आपका तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-66574072234393944292021-11-20T21:59:08.783+06:002021-11-20T21:59:08.783+06:00सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्...सादर नमस्कार , <br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार<br /> (21-11-21) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "प्रगति और प्रकृति का संघर्ष " (चर्चा - 4255) </a>पर भी होगी।<br /> आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .<br /> -- <br />कामिनी सिन्हा <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-56397287518584106232021-11-20T14:53:10.343+06:002021-11-20T14:53:10.343+06:00माही/ नहींमाही/ नहींजिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-874515735362149901.post-65311221769039816092021-11-20T14:52:15.422+06:002021-11-20T14:52:15.422+06:00तुम्हार हर प्रश्न हमारे देश की बहुतायत लड़कियों के...तुम्हार हर प्रश्न हमारे देश की बहुतायत लड़कियों के प्रश्न हैं, मेरे समय,मेरी मां,मेरी दादी और कई पीढ़ियों पहले से ये प्रश्न हमारे जेहन में आते हैं चुभते हैं और जब कोई हल नहीं मिलता है धीरे से मन के किसी कोने में दुबक जाते हैं.. बस हमें बहुत बहुत आगे बढ़कर हर जगह प्रूफ करना होता है कि हम भी इसी ग्रह के प्राणी हैं, हां कुछ लोगों को खुशनसीबी से सब कुछ हासिल जो जाता है तो वे ऐसी पीड़ा को समझ ही माही पाते ।<br /> सारगर्भित अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं प्रिय मनीषा ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.com